Categories
Skin treatment

कैसे गर्मियों में प्राकृतिक उपचारों से ऑयली त्वचा की दिक्कत को करे दूर ?

हर एक व्यक्ति का अपना त्वचा प्रकार होता है किसी का तैलीय, रूखी या मध्यम जो त्वचा ग्रंथियों पर निर्भर करता है। कई लोग ज्यादा तैलीय और रूखी त्वचा से भी परेशान हो जाते है। क्या ऐसे त्वचा को हम घर बैठे नियंत्रण कर सकते है। आइए जानते है इसके कुछ घरेलू उपाय। 

 

क्यों और कोन से कारणों करके ऑयली स्किन हो जाती है ?

तैलीय त्वचा तब होती है जब त्वचा में ग्रंथिया बहुत अधिक सीबस बनाती है, जो मोम जैसा पदार्थ, आपकी नमी को बरकरार रखता है। त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए तेल महत्वपूर्ण है, लेकिन बहुत अधिक मात्रा में कभी- कभी रोमछिद्रों के बंद होने और मुंहासों का कारण बन सकता है। तैलीय त्वचा में कई कारक योगदान दे सकते है जो कुछ लोगों के लिए आनुवंशिकी भी हो सकते है।  

  • यौवन, गर्भावस्था या रजोनिवृत्ति के कारण हार्मोनल उतार- चढ़ाव 
  • कुछ दवा, जो हार्मोन के स्तर को प्रभावित करें 
  • कुछ चिकित्सीय स्थितियाँ, जैसे महिलाओं में पीसीओएस 
  • बढ़ती उम्र के साथ, प्रोटीन भी जाने लगता है जैसे कोलेजन और वसामय ग्रंथियां 
  • त्वचा का ऑयली होना आपके रहने वाले वातावरण पर भी निर्भर है 
  • बड़े छिद्र भी त्वचा पर ज्यादा तेल छोड़ते है 
  • गलत त्वचा देखभाल पदार्थ का इस्तेमाल
  • ज्यादा मुंह पर हाथ लगाना  
  • ज्यादा तनाव होने से भी चेहरे पर ऑयल आता है जो पिंपल होने पर पता चलता है 
  • उच्च ग्लाइसेमिक आहार जैसे चीनी और कार्बोहाइड्रेट्स, सीबम उत्पादन को बढ़ावा देते है 
  • पसीना भी इसका कारण है 
  • निजलीकरण

जब आपकी त्वचा का तापमान बढ़ता है, तो यह तेल ग्रंथिया आपकी त्वचा को ठंडा करने के लिए अधिक तेल का उत्पादन करती है। आपके शरीर में प्राकृतिक तेलों में पानी और तेल शामिल होते है, इसलिए जब आपकी त्वचा गर्म मौसम के संपर्क में आती है, तो पानी वाष्पित हो जाता है, जिसके परिणामस्वरूप तेल का प्रतिशत अधिक हो जाता है। फिर तेल छिद्रों में फंस जाता है और आपकी त्वचा से चिपक जाता है। यही कारण है कि आपको बार-बार अपना चेहरा धोने की आवश्यकता महसूस होती है। गर्मियों में ऑयली स्किन के लिए  अपनाये जाने वाले प्राकृतिक उपचार जैसे:

  • एलोवेरा

इसकी जेल में मौजूद कसैला गुण त्वचा के अतिरिक्त तेल को दूर करता है और सूजन गांठों के आकार को भी कम करता है, जिससे मुंहासों को निकलने से रोका जा सकता है। यदि नियमित रूप से लगाया जाए, तो एलोवेरा छिद्रों को खोलता है और छिद्रों को कसता है, जिससे अतिरिक्त तेल उत्पादन को रोका जा सकता है और गंदगी के निर्माण के कारण मुंहासे भी खत्म हो जाते है। दिन में २-३ बार सिदा  एलोवेरा चेहरे पर लगाई जा सकती है। लगाने के बाद २०-३० मिनट तक रखें और फिर ठंडे पानी से धो डाले। 

  • निम्बू का रस    

यह साइट्रिक एसिड से भरपूर है, एक ऐसा यौगिक जो अतिरिक्त तेल के अवशोषण में मदद करता है और मुंहासे निकलने से भी रोकता है, जो तैलीय त्वचा वाले लोगों में आम है। इसके अलावा, नींबू में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स त्वचा से विषाक्त पदार्थों और गंदगी को साफ करने में मदद करते है, जिससे पिंपल्स और मुंहासों से बचाव होता है। एक कटोरी में २ चम्मच रस और सामान्य ही पानी डालकर इसे गुलाले। चेहरे पर सूखने पर पानी से मल कर धो डाले।

  •  खीरा 

जो तैलीय त्वचा वाले लोगों के लिए, यह प्राकृतिक घटक एक कसैले एजेंट के रूप में कार्य करता है जो खुले छिद्रों को कसता है। खीरे में मौजूद विटामिन और खनिज इसे एक शक्तिशाली क्लींजिंग एजेंट बनता है, जो आपके मुलायम और कोमल त्वचा प्रदान करता है। खीरे के रस में २ बुँदे निम्बू रस की डालकर त्वचा से तेल निकलने में मदद करेगा। 

  • मुल्तानी मिट्टी  

जिसको फुलर्स एअर्थ भी कहा जाता है। यह एक प्राकृतिक मिट्टी है जो खनिजों से भरपूर होती है और त्वचा से अतिरिक्त तेल, पसीना, गंदगी, और अन्य अशुद्धियों को अवशोषित करती है। यह त्वचा में नमी बनाए रखने के साथ- साथ उसमे कसाव लाता है और त्वचा को प्राकृतिक रूप से चमकदार बनाए रखता है। एक छोटी कटोरी में थोड़ी सी मुल्तानी मिटटी के साथ गुलाब जल को मिलाकर, गाढ़ा पेस्ट अपने चेहरे पर लगाकर सूखने दे और फिर ठंडे पानी से धो डाले। 

  • टमाटर 

टमाटर में मौजूद तेल सोखने वाला एसिड न केवल त्वचा से अतिरिक्त तेल सोख्ता है बल्कि त्वचा के छिद्रों को कस कर अतिरिक्त तेल बनने से भी रोकता है। यह त्वचा में नमी बनाए रखता है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकलता है। एक टमाटर को दो हिस्सों में काटकर, एक आधे हिस्से को मुँह पर मले और अच्छे से सूखने पर ठंडे पानी से साफ करले।